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क्या आप जानते हैं राजधानी एक्सप्रेस से जुड़े ये रोचक तथ्य?

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे देश की जीवन रेखा मानी जाती है, और ट्रेन यात्रा आज भी आम जनता के लिए सबसे किफायती, सुरक्षित और सुविधाजनक माध्यम है। रोजाना करोड़ों लोग रेल के ज़रिए एक शहर से दूसरे शहर, एक राज्य से दूसरे राज्य तक का सफर तय करते हैं। इन्हीं ट्रेनों में एक खास नाम है — राजधानी एक्सप्रेस, जो न केवल अपनी रफ्तार बल्कि लग्ज़री सुविधाओं के लिए भी जानी जाती है।

राजधानी एक्सप्रेस का इतिहास

राजधानी एक्सप्रेस भारत की सबसे प्रतिष्ठित ट्रेनों में से एक है। इसकी शुरुआत वर्ष 1969 में दिल्ली और हावड़ा के बीच हुई थी। यह देश की पहली पूरी तरह वातानुकूलित ट्रेन थी, और इसका उद्देश्य राजधानी को भारत के प्रमुख शहरों से जोड़ना था। हावड़ा, जो कि कोलकाता का हिस्सा है, उस वक्त देश की राजधानी भी रह चुकी थी।

नाम में ही छिपा है इसका उद्देश्य

राजधानी एक्सप्रेस का नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यह देश की राजधानी दिल्ली को विभिन्न राज्यों की राजधानियों से जोड़ती है। चाहे वो बिहार की राजधानी पटना हो, मध्य प्रदेश की भोपाल, या झारखंड की रांची, इन सभी से दिल्ली के लिए राजधानी ट्रेन चलाई जाती है।

अन्य प्रमुख मार्ग और विस्तार

पहली राजधानी एक्सप्रेस दिल्ली-हावड़ा के बीच चली थी, इसके बाद 1972 में मुंबई सेंट्रल से दिल्ली के लिए राजधानी ट्रेन शुरू की गई। धीरे-धीरे इसका विस्तार बेंगलुरु, चेन्नई, और तिरुवनंतपुरम जैसे प्रमुख शहरों तक किया गया।

सबसे तेज राजधानी ट्रेन

अगर बात रफ्तार की करें, तो मुंबई राजधानी एक्सप्रेस भारत की सबसे तेज राजधानी मानी जाती है। यह ट्रेन नई दिल्ली से 140 किमी/घंटा की रफ्तार से भी अधिक तेज चलती है।

राजधानी एक्सप्रेस की खास सुविधाएं

राजधानी एक्सप्रेस केवल रफ्तार ही नहीं, बल्कि प्रीमियम सुविधाओं के लिए भी मशहूर है। इसमें यात्रियों को ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर की सुविधा मिलती है। यात्रा के दौरान समय-समय पर चाय और स्नैक्स भी परोसे जाते हैं। कुछ राजधानी ट्रेनों में वाई-फाई की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है, जो यात्रा को और भी आरामदायक बनाती है।

अगर आपने अभी तक राजधानी एक्सप्रेस में सफर नहीं किया है, तो यह अनुभव एक बार जरूर लेना चाहिए। रफ्तार, सुविधा और भरोसे का यह संगम भारतीय रेलवे की शान है।