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UPSC Result 2024: पिता खुद नहीं गए स्कूल, मजदूरी कर पढ़ाया… बेटी ने UPSC में हासिल की 263वीं रैंक, पढ़ें कर्नाटक की प्रीति की कहानी

नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सर्विसेज एग्जाम 2024 का रिजल्ट जारी होने के बाद देश भर से कई प्रेरणादायक कहानियां सामने आ रही हैं. इनमें उन उम्मीदवारों की सफलता विशेष रूप से चर्चा में है जिन्होंने तमाम मुश्किलों और अभावों के बावजूद यह प्रतिष्ठित परीक्षा पास की है. ऐसी ही एक कहानी है कर्नाटक के मैसूरु जिले के एक छोटे से गांव की रहने वाली प्रीति एसी की, जिन्होंने तीसरे प्रयास में 263वीं रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा क्रैक कर अपने और अपने परिवार का नाम रोशन किया है. उनकी यह सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि उनके पिता ने खुद कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा, लेकिन मजदूरी और खेती कर बेटी को उच्च शिक्षा दिलाई.

पिता पार्ट टाइम कुक, कभी नहीं गए स्कूल

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, मैसूरु जिले के सालिग्राम तालुक के मायिगौडनहल्ली गांव निवासी प्रीति के पिता चन्नबसप्पा पेशे से पार्ट टाइम कुक हैं और गांव में खेतीबाड़ी भी करते हैं. आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत न होते हुए भी उन्होंने अपनी बेटी की पढ़ाई में कोई कमी नहीं छोड़ी. सबसे बड़ी बात यह है कि चन्नबसप्पा ने खुद कभी स्कूल में कदम नहीं रखा, लेकिन उनमें अपनी बेटी को पढ़ा लिखाकर काबिल बनाने का जुनून था. उन्होंने मजदूरी और खेती से होने वाली मामूली आय से प्रीति की शिक्षा का खर्च उठाया.

खेत में पानी दे रहे थे पिता जब मिली खुशखबरी

प्रीति ने जब पिता को अपनी सफलता की सूचना दी, तब वह खेत में पानी दे रहे थे. बेटी की मेहनत और अपने संघर्ष का फल देखकर उनकी आंखें भर आईं. चन्नबसप्पा ने बचपन से ही प्रीति के मन में सरकारी अधिकारी बनने का सपना बोया था, जो आज पूरा हो गया. प्रीति ने भी अपने पिता के सपने और त्याग को साकार करने के लिए जी-तोड़ मेहनत की.

तीसरे प्रयास में मिली सफलता

यह प्रीति का तीसरा प्रयास था. इससे पहले के दो प्रयासों में उन्हें सफलता नहीं मिली थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार तैयारी जारी रखी. आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और तीसरे प्रयास में उन्होंने 263वीं रैंक हासिल कर ली.

ऐसा रहा प्रीति का शैक्षणिक सफर

26 वर्षीय प्रीति का शैक्षणिक सफर भी संघर्ष भरा रहा. उन्होंने गांव के ही कन्नड़ माध्यम स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की. इसके बाद केआरनगर के पीयू कॉलेज से इंटरमीडिएट किया. मंडया के कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर से उन्होंने बीएससी एग्रीकल्चर की डिग्री हासिल की. उच्च शिक्षा के लिए वह बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) पहुंचीं और यहां से एमएससी की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद ही उन्होंने देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी. प्रीति की यह सफलता उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो अभावों में भी बड़े सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करने का हौसला रखते हैं.