गर्मियों में क्यों बढ़ जाती है बवासीर की समस्या, एक क्लिक पर जानिए समाधान व घरेलू उपचार
लखनऊ: बवासीर (Piles या Hemorrhoids) एक आम रोग है, जिसमें गुदा (anus) और मलद्वार (rectum) के आसपास की रक्त वाहिकाएं (veins) सूज जाती हैं या उनमें सूजन और जलन हो जाती है। यह स्थिति दर्द, खुजली, जलन और कभी-कभी खून आने का कारण बन सकती है।
बवासीर क्या है?
बवासीर उस स्थिति को कहते हैं जब मलद्वार के आसपास की नसें फूल जाती हैं और उनमें सूजन आ जाती है। यह दो प्रकार की हो सकती है:
1. आंतरिक बवासीर (Internal Hemorrhoids):
- यह मलद्वार के अंदर होती है।
- दर्द कम होता है लेकिन मल त्याग के समय खून आ सकता है।
2. बाहरी बवासीर (External Hemorrhoids):
- यह गुदा के बाहरी हिस्से में होती है।
- इसमें दर्द, सूजन, खुजली और जलन अधिक होती है।
- कई बार इसमें थक्का (blood clot) भी बन सकता है जिसे “थ्रोम्बोस्ड पाइल्स” कहा जाता है।
बवासीर के लक्षण:
- मल त्याग के समय या बाद में खून आना
- गुदा क्षेत्र में दर्द या जलन
- बैठने में परेशानी
- खुजली या चुभन
- मलद्वार के पास एक या एक से ज्यादा छोटी गाँठें महसूस होना
बवासीर होने के कारण:
- कब्ज या बहुत सख्त मल
- मल त्याग में ज़्यादा ज़ोर लगाना
- गर्भावस्था (Pregnancy)
- लंबे समय तक बैठना
- मोटापा
- कम पानी पीना और फाइबर की कमी वाला भोजन
- अनुवांशिक कारण (पारिवारिक इतिहास)
गर्मी में बवासीर (पाइल्स) की समस्या बढ़ने के पीछे कई कारण
गर्मी में बवासीर (पाइल्स) की समस्या बढ़ने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। गर्मी का मौसम शरीर में कई बदलाव लाता है जो इस समस्या को बढ़ा सकता है। नीचे मुख्य कारण दिए गए हैं:
1. डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण):
गर्मी में पसीना अधिक आता है जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है। जब शरीर में पर्याप्त पानी नहीं होता, तो मल कठोर हो जाता है, जिससे कब्ज (constipation) होती है — जो बवासीर की एक प्रमुख वजह है।
2. कब्ज की समस्या:
गर्मी में भोजन की आदतें बदल जाती हैं और लोग ठंडे, मसालेदार और फास्ट फूड का अधिक सेवन करते हैं, जिससे फाइबर की मात्रा कम हो जाती है। इससे मल कठोर हो जाता है और मलत्याग में जोर लगाना पड़ता है, जिससे बवासीर बढ़ सकती है।
3. शारीरिक गतिविधि की कमी:
गर्मी में लोग बाहर कम निकलते हैं और शारीरिक गतिविधियां कम कर देते हैं। इससे पाचन क्रिया धीमी हो जाती है और कब्ज की संभावना बढ़ जाती है।
4. तेज धूप और गर्मी से रक्त संचार पर असर:
गर्मी के कारण रक्त संचार पर असर पड़ सकता है और रक्त वाहिकाएं (veins) फूल सकती हैं, खासकर मलद्वार के आसपास। इससे बवासीर की स्थिति और बिगड़ सकती है।
5. पसीना और जलन:
गर्मी में गुदा क्षेत्र में अधिक पसीना आता है जिससे जलन और खुजली बढ़ सकती है। इससे तकलीफ और बढ़ जाती है।
बचाव और देखभाल के उपाय:
- खूब पानी पिएं (8-10 गिलास रोज़)
- फाइबर युक्त आहार लें (जैसे फल, सब्ज़ियाँ, दलिया)
- कब्ज से बचें — नियमित मल त्याग करें
- अत्यधिक मसालेदार और तली चीज़ों से बचें
- ठंडे पानी से सफाई रखें और गुदा क्षेत्र को सूखा रखें
- हल्का व्यायाम करें (जैसे वॉकिंग)
अगर समस्या अधिक हो रही है तो डॉक्टर से परामर्श लेना ज़रूरी है।
गर्मी में बवासीर से राहत पाने के लिए घरेलू उपाय
गर्मी में बवासीर से राहत पाने के लिए कुछ असरदार घरेलू उपाय हैं जो बिना दवा के भी आराम दिला सकते हैं। ये उपाय सूजन कम करने, जलन और दर्द से राहत देने और मल त्याग को आसान बनाने में मदद करते हैं।
1. ठंडे पानी की सिकाई (Cold Compress)
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एक साफ कपड़े को ठंडे पानी में भिगोकर प्रभावित स्थान पर 10-15 मिनट तक रखें।
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इससे सूजन और जलन में राहत मिलती है।
2. सिट्ज़ बाथ (Sitz Bath)
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गुनगुने पानी में थोड़ा सा एंटीसेप्टिक (जैसे नीम की पत्तियाँ या हल्दी) डालें और 10-15 मिनट तक उस पानी में बैठें।
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दिन में 1-2 बार यह करने से खुजली, जलन और सूजन में राहत मिलती है।
3. नीम और हल्दी का प्रयोग
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नीम की पत्तियाँ उबालकर उस पानी से धोना संक्रमण से बचाता है।
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हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं — आप हल्दी और नारियल तेल मिलाकर पेस्ट बनाकर गुदा के बाहरी हिस्से पर लगा सकते हैं।
4. त्रिफला चूर्ण
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रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।
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यह कब्ज को दूर करता है और बवासीर की जड़ से राहत देता है।
5. नारियल तेल या ऐलोवेरा जेल
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नारियल तेल या शुद्ध ऐलोवेरा जेल को प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से जलन और खुजली में आराम मिलता है।
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ऐलोवेरा में सूजन कम करने वाले गुण होते हैं।
6. छाछ और इसबगोल (Psyllium Husk)
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खाने के बाद एक गिलास छाछ में काला नमक और भुना जीरा डालकर पीएं।
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इसबगोल का सेवन रात को गर्म दूध या पानी के साथ करने से मल साफ रहता है।
7. फाइबर युक्त आहार
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फलों में पपीता, सेब, अमरूद, और तरबूज फायदेमंद हैं।
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सब्जियों में पालक, लौकी, टिंडा, गाजर आदि शामिल करें।
क्या न करें:
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मसालेदार, तली-भुनी चीज़ें न खाएं
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बहुत देर तक बैठना या खड़े रहना टालें
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टॉयलेट में मोबाइल चलाते हुए देर तक न बैठें
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जलन होने पर खुजली या ज्यादा रगड़ न करें