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इन गलतियों से कुंडली में लगता है कालसर्प दोष, जानिए विस्तार से

लखनऊ: ज्योतिष शास्त्र में कुंडली में बनने वाले कालसर्प दोष को बहुत ही अशुभ माना गया है। राहु और केतु नामक दो छाया ग्रहों के कारण बनने वाला यह दोष व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियां लेकर आता है। मान्यता है कि जिस किसी की कुंडली में यह दोष होता है, उसे जीवन की छोटी-छोटी चीजों के लिए भी कठिन संघर्ष करना पड़ता है। ऐसा कहा जाता है कि कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को जीवन भर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और उसे कभी भी स्थायी सुख-शांति नहीं मिल पाती। तो आइए जानते हैं कि किन कारणों से किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष बनता है।

दूध का अनादर करना:

हिंदू धर्म में दूध को अत्यंत पवित्र और शुद्ध माना जाता है। इसका दान करना और सेवन करना पुण्य का कार्य है। लेकिन दूध का अनादर करना, जैसे उसे जमीन पर गिराना, पैरों से छूना या अपवित्र जगह पर रखना, पाप माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ऐसा करने से व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष लग सकता है। इस दोष के कारण व्यक्ति को जीवन में लगातार समस्याओं का सामना करना पड़ता है और कड़ी मेहनत के बावजूद सफलता मिलना मुश्किल हो जाता है। इसलिए भूलकर भी दूध का अनादर नहीं करना चाहिए।

सांपों को बेवजह परेशान करना:

हिंदू धर्म में सांपों को पूजनीय माना गया है। कई बार लोग बिना किसी कारण के सांपों को परेशान करते हैं। ऐसा करना ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में कालसर्प दोष का कारण बन सकता है। इस दोष के लगने से व्यक्ति को जीवन में अशुभ फल मिलते हैं। इसलिए कभी भी सांपों को बेवजह துன்ப नहीं पहुंचाना चाहिए।

कुंडली में राहु और केतु का नीच भाव में होना:

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु अपनी नीच राशि या अशुभ भाव में स्थित हों, तो कालसर्प दोष का निर्माण होता है। इस दोष से मुक्ति पाने के लिए कई ज्योतिषीय उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को करने से व्यक्ति को कालसर्प दोष के नकारात्मक प्रभावों से राहत मिल सकती है। कालसर्प दोष निवारण के लिए पन्ना, गोमेद और लहसुनिया जैसे रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, नियमित रूप से दान-पुण्य करना, राहु-केतु की शांति के लिए मंत्रों का जाप करना और विशेष पूजा-अर्चना करना भी लाभकारी हो सकता है।

कालसर्प दोष के लक्षण:

कुंडली में कालसर्प दोष होने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दोष के कारण व्यक्ति शारीरिक और आर्थिक रूप से परेशान रहता है। कुछ लोगों को संतान संबंधी कष्ट भी उठाने पड़ते हैं, जैसे कि संतानहीनता या संतान का बीमार रहना। कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति की नौकरी बार-बार छूट सकती है और उसे कर्ज भी लेना पड़ सकता है। यदि आपकी कुंडली में कालसर्प योग है, तो किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेकर इसका निवारण अवश्य कराएं।

कालसर्प दोष निवारण पूजा:

ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प दोष को दूर करने के कई सरल उपाय बताए गए हैं। यदि पति-पत्नी के बीच हमेशा झगड़ा होता रहता है, तो घर में मोरपंख वाला मुकुट पहने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा स्थापित करें। प्रतिदिन उनकी पूजा करें और “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय” या “ऊँ नमो वासुदेवाय कृष्णाय नम: शिवाय” मंत्र का जाप करें। नियमित रूप से ऐसा करने से कालसर्प दोष शांत होता है और घर में सुख-शांति आती है।