पेशाब में दाने, जलन और घाव से हैं परेशान तो आपको हो सकता है बैलेनाइटिस, एक click पर जानिए पूरी जानकारी
लखनऊ: बैलेनाटिस (Balanitis) एक चिकित्सीय स्थिति है जिसमें पुरुषों के लिंग के अग्रभाग (ग्लान्स पेनिस) या शिश्नमुण्ड (penis head) में सूजन हो जाती है। यह स्थिति आमतौर पर पुरुषों में होती है जिनका खतना (circumcision) नहीं हुआ होता।
बैलेनाटिस की सम्पूर्ण जानकारी
“बैलेनाटिस” शब्द ग्रीक भाषा के “balanos” (ग्लान्स) और “-itis” (सूजन) से बना है, जिसका अर्थ है ग्लान्स पेनिस की सूजन।
बैलेनाटिस के प्रकार:
- संक्रामक (Infectious):
- बैक्टीरियल संक्रमण
- फंगल संक्रमण (जैसे Candida albicans)
- वायरस (जैसे हर्पीज)
- गैर-संक्रामक (Non-Infectious):
- एलर्जी या रासायनिक जलन
- खराब स्वच्छता
- डायबिटीज के कारण
- क्रोनिक बैलेनाइटिस (Chronic Balanitis) – बार-बार या लंबे समय तक बनी रहने वाली सूजन।
लक्षण (Symptoms):
- शिश्नमुण्ड में सूजन और लालिमा
- खुजली या जलन
- फोरस्किन खींचने में दर्द या कठिनाई
- दुर्गंध
- सफेद स्त्राव या क्रीम जैसे पदार्थ का जमा होना
- पेशाब में जलन
कारण (Causes):
- संक्रमण (खासतौर पर फंगल जैसे Candida)
- गंदी सफाई – फोरस्किन के अंदर सफाई न करना
- अत्यधिक साबुन या रसायनों का उपयोग
- संयमी जीवन या असुरक्षित यौन संबंध
- मधुमेह (Diabetes) – पेशाब में शक्कर होने से बैक्टीरिया का विकास
निदान (Diagnosis):
- चिकित्सकीय परीक्षण
- पेशाब की जाँच
- रक्त परीक्षण (डायबिटीज के लिए)
- संक्रमण की पुष्टि के लिए स्वैब टेस्ट
इलाज (Treatment):
- एंटीफंगल क्रीम – यदि फंगल संक्रमण है (जैसे क्लोट्रिमाजोल)
- एंटीबायोटिक क्रीम या दवा – यदि बैक्टीरिया है
- स्टेरॉयड क्रीम – सूजन के लिए
- स्वच्छता सुधारना – नर्म साबुन से सफाई करना, क्षेत्र को सूखा और साफ रखना
- डायबिटीज नियंत्रण में रखना
- खतना (Circumcision) – बार-बार होने वाली बैलेनाटिस के मामलों में
बचाव (Prevention):
- रोजाना नर्म साबुन और पानी से सफाई
- यौन संबंध के दौरान कंडोम का प्रयोग
- अधिक रसायनयुक्त उत्पादों से बचना
- फोरस्किन के अंदर सफाई का ध्यान रखना
- मधुमेह के मरीजों को नियमित शुगर नियंत्रण में रखना
बैलेनाटिस के घरेलू उपचार (Home Remedies for Balanitis):
बैलेनाटिस (Balanitis) के हल्के मामलों में, कुछ घरेलू उपचार से राहत मिल सकती है, खासकर अगर कारण संक्रमण नहीं बल्कि जलन, एलर्जी या खराब स्वच्छता हो। हालांकि, यदि लक्षण गंभीर हों या लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से परामर्श ज़रूरी है।
साफ-सफाई बनाए रखें
- रोजाना नर्म गुनगुने पानी से शिश्नमुण्ड और फोरस्किन की सफाई करें।
- रसायनयुक्त साबुन, परफ्यूम या बॉडी वॉश से परहेज़ करें।
- फोरस्किन को धीरे से पीछे खींचकर अंदर सफाई करें (यदि संभव हो) और सुखाएं।
2. गुनगुने पानी में नमक डालकर स्नान (Salt Bath)
- एक टब गुनगुने पानी में 1–2 चम्मच सेंधा नमक (rock salt) डालें।
- 10–15 मिनट तक उस पानी में बैठकर स्नान करें।
- यह सूजन और जलन को कम कर सकता है।
3. टी ट्री ऑयल (Tea Tree Oil)
- इसमें एंटीसेप्टिक और एंटीफंगल गुण होते हैं।
- 1 बूंद टी ट्री ऑयल को 1 चम्मच नारियल तेल में मिलाकर बाहरी हिस्से पर हल्के से लगाएं।
- ध्यान दें: सीधे लगाने से जलन हो सकती है, हमेशा डायल्यूट करें।
4. नारियल तेल (Coconut Oil)
- एंटीफंगल और मॉइस्चराइज़िंग गुणों से भरपूर।
- खुजली, जलन और सूजन को शांत करता है।
- दिन में 2–3 बार प्रभावित भाग पर लगाएं।
5. लहसुन (Garlic) का सेवन
- लहसुन में प्राकृतिक एंटीफंगल गुण होते हैं।
- कच्चे लहसुन की 1–2 कलियां रोज़ खाने से संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है।
6. एलोवेरा जेल (Aloe Vera Gel)
- जलन और सूजन को कम करने के लिए उपयोगी।
- शुद्ध और बिना खुशबू वाला जेल प्रयोग करें।
- प्रभावित स्थान पर हल्के से लगाएं।
7. मधुमेह नियंत्रण (अगर डायबिटीज है)
- बैलेनाटिस मधुमेह के कारण भी हो सकता है।
- ब्लड शुगर नियंत्रित रखें – घरेलू उपाय जैसे मेथी, करेला, या गिलोय आदि लें।
क्या न करें (Precautions):
- एंटीसेप्टिक लिक्विड (जैसे डिटॉल या सेवलॉन) का प्रयोग ना करें — यह जलन बढ़ा सकता है।
- फोरस्किन को ज़बरदस्ती पीछे न खींचें।
- संक्रमित हिस्से को खुजलाएं नहीं।
- बिना डॉक्टर की सलाह के क्रीम/दवाइयाँ ना लगाएं।
डॉक्टर से कब मिलें?
- यदि घरेलू उपचार के 3-4 दिन बाद भी सुधार न हो।
- पेशाब करते समय दर्द या जलन हो।
- बार-बार बैलेनाटिस हो रहा हो।
- मवाद, रक्त या त्वचा का छिलना दिखे।