घर की इस दिशा में न बनवाएं नवविवाहित जोड़े का कमरा, वरना वैवाहिक जीवन में आ सकती हैं अनचाही परेशानियां
लखनऊ: भारतीय संस्कृति में विवाह को केवल एक सामाजिक या शारीरिक संबंध नहीं, बल्कि जीवन भर की साझेदारी और आध्यात्मिक यात्रा माना गया है। यह सोलह संस्कारों में से एक प्रमुख संस्कार है, जिसे सात जन्मों का बंधन कहा जाता है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि नवविवाहित जोड़ों का वैवाहिक जीवन प्रेम और सामंजस्य से भरा हो।
हालांकि कई बार ऐसा देखा गया है कि शादी के शुरुआती दिनों में ही दंपति के बीच तनाव उत्पन्न हो जाता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से एक है वास्तु दोष। वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि नवविवाहित जोड़ा सही दिशा में स्थित कमरे में नहीं रहता है, तो इसका सीधा असर उनके संबंधों पर पड़ सकता है।
इन दिशाओं में न हो नवविवाहितों का कमरा
वास्तु शास्त्र के अनुसार नवविवाहित जोड़ों का कमरा उत्तर, दक्षिण, उत्तर-पूर्व (ईशान) और दक्षिण-पूर्व (आग्नेय) दिशाओं में नहीं होना चाहिए। इन दिशाओं में स्थित कमरों में रहने से दंपति के बीच अक्सर विवाद, मतभेद और छोटी-छोटी बातों पर झगड़े हो सकते हैं। साथ ही मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है। यदि पहले से ही जोड़ा इन दिशाओं वाले कमरे में रह रहा है, तो उन्हें कुछ समय के लिए स्थान बदलने की सलाह दी जाती है।
किस दिशा में होना चाहिए नवविवाहितों का कमरा?
वास्तु विशेषज्ञों की मानें तो उत्तर-पश्चिम (वायव्य) दिशा नवविवाहित जोड़ों के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। यह दिशा संबंधों में संतुलन बनाए रखने, आपसी प्रेम को गहरा करने और पारिवारिक सहयोग बढ़ाने में सहायक होती है। साथ ही, इस दिशा में स्थित कमरा जीवनसाथी के साथ मिलकर समस्याओं को हल करने की क्षमता भी बढ़ाता है।
इन वास्तु टिप्स का भी रखें ध्यान
- बेड किस धातु का हो: नवविवाहितों के बेड का निर्माण लकड़ी से होना चाहिए, वह भी चौकोर आकार में। लोहे का बेड वास्तु में अशुभ माना जाता है।
- बेड के नीचे सामान न रखें: बेड के नीचे खासतौर पर धातु के बर्तन, गिफ्ट्स या इलेक्ट्रॉनिक आइटम न रखें। इससे मानसिक अशांति हो सकती है।
- रंगों का चयन: कमरे का रंग हमेशा हल्का और सौम्य होना चाहिए, जैसे क्रीम, पेस्टल पिंक, हल्का पीला या आसमानी। यह वातावरण को शांतिपूर्ण बनाए रखता है।
- तस्वीरें कहां लगाएं: शादी की तस्वीरें कमरे की पूर्व दिशा वाली दीवार पर लगाना शुभ होता है।
- सोने की दिशा: नवविवाहित जोड़ों को दक्षिण या पश्चिम की ओर सिर करके सोना चाहिए। यह दिशा मानसिक स्थिरता और संबंधों की गहराई को बढ़ाती है।