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पुरुषों को पेशाब कैसे करना चाहिए – बैठकर या खड़े होकर? जानिए विशेषज्ञों की राय

लखनऊ: खासतौर पर पुरुषों के लिए – एक ऐसा विषय है जिस पर आमतौर पर ज्यादा चर्चा नहीं होती, लेकिन यह स्वास्थ्य और स्वच्छता दोनों ही दृष्टिकोण से काफी अहम है। जहां महिलाएं स्वाभाविक रूप से बैठकर पेशाब करती हैं, वहीं पुरुषों के लिए आमतौर पर खड़े होकर पेशाब करना आम चलन है। लेकिन क्या यह तरीका वास्तव में स्वास्थ्य के लिहाज से सही है? इस पर समय-समय पर वैज्ञानिक और स्वास्थ्य विशेषज्ञ अपनी राय रखते आए हैं।

पेशाब करने की सामान्य प्रवृत्ति

आमतौर पर पुरुष खड़े होकर पेशाब करना ज्यादा सहज मानते हैं। इससे समय की बचत होती है और सार्वजनिक शौचालयों में भी लाइनें कम लगती हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि पेशाब करते समय शरीर की पोजीशन मूत्र प्रवाह की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है।

अध्ययनों में यह पाया गया है कि जब पुरुष बैठकर पेशाब करते हैं, तो मूत्राशय अधिक प्रभावी ढंग से खाली होता है। हालांकि, औसतन 20 से 30 मिलीलीटर मूत्र शरीर में बचा रह जाता है, ताकि मूत्राशय की दीवारें आपस में न चिपकें।

प्रोस्टेट की समस्या में क्या है सही तरीका?

जिन पुरुषों को प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याएं या सूजन होती है, उनके लिए बैठकर पेशाब करना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बैठने की अवस्था में मूत्रमार्ग पर दबाव कम होता है, जिससे पेशाब में होने वाली रुकावटें कम हो जाती हैं।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, प्रोस्टेट की समस्या वाले मरीजों को बैठकर पेशाब करना न सिर्फ अधिक आरामदायक लगता है, बल्कि इससे उनके मूत्रमार्ग में रुकावट की संभावना भी कम हो जाती है।

स्वस्थ पुरुषों के लिए क्या है सही विकल्प?

अगर बात करें पूरी तरह से स्वस्थ पुरुषों की, तो उनके लिए खड़े होकर या बैठकर पेशाब करने में कोई बड़ा फर्क नहीं होता – बशर्ते स्वच्छता का ध्यान रखा जाए। हालांकि, कई विशेषज्ञ साफ-सफाई के लिहाज से बैठकर पेशाब करने की सलाह देते हैं, ताकि छींटों से बचा जा सके और आसपास की जगह गंदी न हो।

स्वच्छता विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि अगर खड़े होकर पेशाब किया जाए तो यह दीवारों और पैरों पर छींटे फैलने का कारण बन सकता है। इसलिए पुरुषों को सलाह दी जाती है कि वे सार्वजनिक स्थानों पर सुलभ शौचालय का प्रयोग करें और संभव हो तो बैठकर पेशाब करने को प्राथमिकता दें।