सामान्य ज्ञान

हर ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर क्यों होता है ‘X’ का निशान? जानिये यह रोचक जानकारी

लखनऊ: भारतीय रेल देश की जीवनरेखा है, जो हर दिन लाखों लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती है। आपने अक्सर ट्रेनों में सफर किया होगा, लेकिन क्या कभी आपने ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर बने ‘X’ के निशान पर ध्यान दिया है? शायद नहीं! यह निशान यूं ही नहीं बनाया जाता, बल्कि इसके पीछे एक महत्वपूर्ण कारण छिपा होता है। यह सफेद या पीले रंग का निशान हर पैसेंजर ट्रेन के अंत में होना अनिवार्य है।

‘X’ का निशान देता है ट्रेन के आखिरी डिब्बे का संकेत

ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर बने ‘X’ के निशान के साथ एक बोर्ड भी लगा होता है, जिस पर ‘LV’ लिखा होता है। ‘LV’ का फुल फॉर्म ‘लास्ट व्हीकल’ यानी ‘अंतिम डिब्बा’ होता है। यह निशान और ‘LV’ बोर्ड दोनों ही रेल कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करने में मदद करते हैं कि यह ट्रेन का आखिरी डिब्बा है।

निशान न होने पर होती है खतरे की आशंका

यदि किसी कारणवश ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर यह ‘X’ का निशान या ‘LV’ बोर्ड दिखाई न दे, तो यह एक संदेहास्पद स्थिति का संकेत होता है। इसका मतलब यह हो सकता है कि ट्रेन के कुछ डिब्बे पीछे छूट गए हैं या अलग हो गए हैं। ऐसी स्थिति में रेल कर्मचारी तुरंत हरकत में आते हैं और आवश्यक कार्रवाई करते हैं।

लाल ब्लिंकिंग लाइट करती है कर्मचारियों की मदद

ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर एक लाल रंग की ब्लिंक करने वाली लाइट भी लगी होती है। यह लाइट ट्रैक पर काम कर रहे कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत होती है। यह उन्हें बताती है कि ट्रेन उस विशेष खंड से सुरक्षित रूप से गुजर चुकी है। खराब मौसम या कम दृश्यता की स्थिति में यह लाइट विशेष रूप से उपयोगी होती है, जब ट्रेन को दूर से देख पाना मुश्किल होता है। इसके अलावा, यह पीछे से आ रही किसी अन्य ट्रेन को भी आगे एक और ट्रेन की उपस्थिति का संकेत देती है, जिससे संभावित दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है।

अब आप समझ गए होंगे कि हर ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर ‘X’ का निशान क्यों होता है और यह रेल संचालन और सुरक्षा के लिए कितना महत्वपूर्ण है। रेलवे नियमों का पालन करना हर यात्री और रेल कर्मचारी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत आवश्यक है।